काफी मशक्क़त के बाद सुनील को वह नौजवान बाहर निकालकर ले आता है। काफी मशक्क़त के बाद सुनील को वह नौजवान बाहर निकालकर ले आता है।
अंधेरी रात और सामने भूत देखकर प्रोफेसर डर जाते हैं और वहां से भाग जाते हैं अंधेरी रात और सामने भूत देखकर प्रोफेसर डर जाते हैं और वहां से भाग जाते हैं
आँसुओं को लिखने की कोशिश की तो लगा कि वह इतने पन्नों में समेट न पाऊँगी.....सब कुछ कोरा ही रह गया बेट... आँसुओं को लिखने की कोशिश की तो लगा कि वह इतने पन्नों में समेट न पाऊँगी.....सब कु...
" देखो प्रीतम भईया, चाहे कितने भी बुरे हो ! पर वो तुम्हारे भाई है.. मुझे विश्वास है, अगर मैं उन्हें ... " देखो प्रीतम भईया, चाहे कितने भी बुरे हो ! पर वो तुम्हारे भाई है.. मुझे विश्वास...
स्वयमेव मेरे कदम पुलिस चौकी की ओर बढ़ गये। स्वयमेव मेरे कदम पुलिस चौकी की ओर बढ़ गये।
मुझे गुलाब जामुन बहुत पसंद है वही ले आना मुझे गुलाब जामुन बहुत पसंद है वही ले आना